निर्जला एकादशी 2018: जानें महत्व, पूजा विधि, तिथि और व्रत कथा
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निर्जला एकादशी 2018: जानें महत्व, पूजा विधि, तिथि और व्रत कथा
निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi ) के दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है. इस दिन पानी का त्याग किया जाता है और 24 घंटे से भी अधिक अवधि तक व्रत रखा जाता है.
निर्जला एकादशी की तिथि एकादशी तिथि प्रारंभ: 23 जून 2018 एकादशी तिथि समाप्त: 24 जून 2018 पारण करने का समय: 24 जून को दोपहर 01 बजकर 46 मिनट से शाम 04 बजकर 32 मिनट तक.
निर्जला एकादशी व्रत कथा पौराणिक कथा के अनुसार पांडवों के दूसरे भाई भीमसेन खाने-पीने के बड़े शौकीन थे. वह अपनी भूख पर नियंत्रण नहीं रख पाते थे. उन्हें छोड़कर सभी पांडव और द्रौपदी एकादशी का व्रत किया करते थे. इस बात से भीम बहुत दुखी थे कि वे ही भूख की वजह से व्रत नहीं रख पाते हैं. उन्हें लगता था कि ऐसा करके वह भगवान विष्णु का निरादर कर रहे हैं.
अपनी इस समस्या को लेकर भीम महर्षि व्यास के पास गए. तब महर्षि ने भीम से कहा कि वे साल में एक बार निर्जला एकादशी का व्रत रखें. उनका कहना था कि एकमात्र निर्जला एकादशी का व्रत साल की 24 एकादशियों के बराबर है. तभी से इस एकादशी को भीम एकादशी के नाम से जाना जाने लगा.
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