आखिर क्यों आत्मविश्वास ही है सफ़लता की कुंजी ?



 दिनाँक  13 मई  2019 : -छाया शुक्ला (लेखक एवं विचारधारक)
                                      


"जीवन  में  यदि सफल  होना चाहतें  हैं तो स्वयं पर आत्मविश्वास करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। सबसे पहले स्वयं  पर फिर ईश्वर पर। इस प्रकार आप देखेगें कि सफ़लता की दूरी किस प्रकार धीरे -धीरे कम  होती जाएगी।"

हमारे जीवन में आत्मविश्वास की एक अहम् भूमिका है क्योकि  हम जैसा विश्वास  करते हैं प्रकृति का प्रारूप हमें उसी प्रकार दृश्य होता है। इस तथ्य की पुष्टि तो स्वयं भगवान  श्री कृष्ण ने गीता  में की है कि -



हम सभी के अंदर असीमित शक्तियों का वास होता है और उनमें से मुख़्य हैं शारीरिक ,मानसिक एवं आध्यात्मिक । ये तीन प्रमुख शक्तियाँ सम्पूर्ण विकास में सहायक हो सकती हैं लेकिन तभी जब मनुष्य के अंतःकरण में अगाध आत्मविश्वास हो। सिर्फ ईश्वर पर ही नहीं ,स्वयं  पर भी। यह समस्त जगत विश्वास पर ही टिका है। जो यह विश्वास करते हैं कि कोई शक्ति है ,जिसे हमने ईश्वर नाम दिया है या जो यह विश्वास करते हैं कि ईश्वर उसी रूप में है ,जिसे उन्होंने मूर्तियों व चित्रों में देखा है ,वे सच में इसी विश्वास के सहारे अपना आध्यात्मिक  और नैतिक विकास करतें है। ईश्वर की प्राप्ति में भी गहन विश्वास ही प्रेरक रूप में कार्य करता है। पत्थर की मूर्तियों में केवल विश्वास ही तो है , जिसमें आप उस ईश्वर के विभिन्न रूपों को देख सकते हैं। 


 सिर्फ आध्यात्मिक  लोगों की ही नहीं ,वैज्ञानिकों की भी बड़ी से बड़ी खोजें उनके आत्मविश्वास पर ही टिकी हुई हैं। शून्य से शिखर तक पहुंचे ऐसे कई व्यापारी हुए हैं ,जिनके पास पूँजी न होते हुए भी वे अपनी क्षमताओं  पर विश्वास के सहारे शिखर तक पहुँचे। एवरेस्ट  की चोटियों को स्पर्श करने वालों को भी स्वयं पर विश्वास होता है। जो आत्मविश्वास से लबरेज रहते हैं उन्हें कठनाईयाँ ,बाधाएँ या विपत्तियाँ न तो डरा पाती हैं और न ही डिगा पाती हैं। इसके विपरीत वे विषम परिस्थितियों में दो गुने वेग से ज्यादा खड़े होते हैं। स्मरण रखिये , हम सभी में आत्मविश्वास एक बीज़ रूप में विधमान है। आवश्यकता है  तो बस उसे जाग्रत करने की और जीवन के प्रति गहन विश्वास पैदा करने की। विश्वास उत्पन्न होते ही ये शक्तियाँ भी सक्रिय हो जाती हैं। आत्मविश्वास  से पूर्ण व्यक्ति के जीवन में तीन तत्व प्रमुख रूप से कार्य करते हैं -संकल्प ,साहस व विजय। आत्मविश्वास  के सहारे वह संकल्प लेता है और साहस के आधार पर परिस्थितियों पर विजय प्राप्त करता है।      




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सूचना : यह लेख , लेखक के अपने विचारों से प्रेरित है। 

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