क्या आप जानतें हैं कि एल्युमीनियम के बर्तन में खाना बनाने से आपकी इम्युनिटी(शरीर प्रतिरोधक क्षमता ) कम होती है?


कोरोना काल में मनुष्य अपनी हिफाज़त तभी कर सकता है जब वो ऐतिहात  के तौर  पर अंदर से मजबूत रहे.

शरीर की अंदर से मजबूती ,  शरीर के अंदर पहुंचने वाले  विषाणुओं से आपको लगातार बचाये रखती है.
 आप अपने आपको केवल तभी स्वस्थ्य रख सकते हैं जब आप उचित आहार ग्रहण कर रहे हों ,परन्तु क्या वो  भोजन आप सही बर्तन में पका रहे हैं या नहीं? इस बात का महत्व उतना ही जरूरी है जितना आपका साफ़ और स्वस्छ भोजन ग्रहण करना।


पुराने समाये में राजा, महाराजा लोग खाना सोने और चांदी के  बर्तनों में खाते थे , ताकि उनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम न हो। 



सोने और चांदी के महंगे होने से , सभी लोग पीतल,काँसें के बरतनों का उपयोग करने लगे. कई  सालों बाद, धातुओं के  के बाद , लोग  लोहे के बरतन का उपयोग  लगे.

भारत में अंग्रेजो के आने के बाद , अंग्रेज कैदियों को जेलों में खाना अल्मुनियम के बरतन में देने लगे. वो क्रांतिकारिओं को अंदर से  लिए उन्हें, जेलों में अल्मुनियम के बरतनों में उन्हें खाना देते  थे. ताकि  वे कमजोर हो और रिहा होने के बाद  विद्रोह न कर सकें।

मनुष्य के शरीर में करोडो जीवाणु और  विषाणु हर समय मौजूद  रहतें हैं परन्तु उनमे से कुछ ही विषाणु या जीवाणु ऐसे  होतें हैं जो मनुष्य को क्षति  पंहुचा सके.

अतः आज के समय में मनुष्य को किसी भी प्रकार के विषाणु के अतिक्रमण से बचने  के लिए हो सके तो लोहे या स्टील  या चाँदी के बरतनों में भोजन ग्रहण करना चाहिए।

अल्मुनियम के बर्तन आपको सस्ते मिल सकतें हैं परन्तु लोहे,स्टील  या चाँदी के बरतन  हमेशा आपके शरीर को  

  मजूबती प्रदान  करते हैं.


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