2014 के चुनाव से पूर्व किये गए वादे, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए 2019 के चुनाव के लिए मुसीबत का कारण बन सकती हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह से कांग्रेस को 2014 के चुनाव से पूर्व घेरा था , आज वही मुद्दे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी के लिए अगले चुनाव के लिए घातक साबित हो सकतें हैं. हांलाकि मोदी अभी भी कई सर्वे में अपने प्रतिद्वंदियों से आगे हैं और अभी भी सर्वे के अनुसार 56 प्रतिशत से ज्यादा लोग उनके काम को पसंद कर रहे हैं.
मोदी और उनकी पार्टी इन चार सालों में किए गए वादों में कुछ में सफल और कुछ में असफल होती नज़र आई है. मोदी और बीजेपी विकास का मुद्दा लेकर जरूर आई थी ,लेकिन उस मुद्दे से ज्यादा बीजेपी गाय ,लव जिहाद, कांग्रेस को दोषी बताने के मुद्दों पर ज्यादा केन्द्रित रही . कांग्रेस के बुरे कार्यकाल के बारें में तो सब जानतें हैं,कही बीजेपी खुद उनकी ज्यादा ब्रांडिंग तो नहीं कर रही. इन चार सालों में मोदी कई मुद्दों में कांग्रेस से भी आगे निकल गए हैं.
कुछ योजनाएं मोदी और बीजेपी 2014 के चुनाव के बाद 2019 के चुनाव के लिए अग्रसर करतीं हैं :
1) खुदरा मह्गाई दर
2) जी एस टी
3) तकनीकी विकास
4) स्वच्छता मिशन
5) विकास दर
6) अटल पेंशन योजना
7) वन पेंशन वन रैंक
कुछ योजनाएं जिसमें 2014 के चुनाव के वादों के बाद 2019 के चुनाव में मोदी और बीजेपी के लिए मुसीबत बन सकती हैं :
1) बेरोजगारी
2) काला धन
3) रूपये डॉलर की अपेक्षा 71 सालों में न्यूनतम स्तर पर
4) पेट्रोल और डीजल की बढती कीमतें
5) गंगा सफाई अभियान
6) 500 और 1000 के नोट का विमुद्रीकरण
7) बैंकों का बड़ता एन पी ए
8) जनता के 4800 करोड़ विज्ञापन में खर्च करना
9) नीरव मोदी और माल्या जैसों का प्रत्यर्पण
10) स्किल इंडिया
11) डिजिटल इंडिया
12) स्टार्टअप इंडिया
13) मुद्रा लोन
हांलाकि बीजेपी समाज ध्रुवी करण में काफी आगे निकलती नज़र आई है . अब ये मुद्दे आने वाले चुनाव में कितना प्रभावित कर सकतें हैं ये आने वाला वक़्त ही बताएगा...
#देश #नरेन्द्रमोदी #बीजेपी #चुनाव2019
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें